यूँ निकल पड़ा हूँ सफ़र पे मैं, मुझे मंजिलों की तलाश है
नए रास्ते नए आसमां, नए हौसलों की तलाश है
जहाँ बंदिशों की हो हद खत्म, उस हसीं शहर की तलाश है
जहाँ रंग-ओ-खुशबू का हो मिलन, मुझे उस उफक की तलाश है
मुझे मंजिलों की फिकर नहीं, मुझे रास्तों से प्यार है
जो मेरे साथ साथ चल सके, उस हमसफ़र की तलाश है...
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